1.दीनदयाल अंत्योदय योजना का उद्देश्य योजना का उद्देश्य कौशल विकास और अन्य उपायों के माध्यम से आजीविका के अवसरों में वृद्धि कर शहरी और ग्रामीण गरीबी को कम करना है। मेक इन इंडिया, कार्यक्रम के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए सामाजिक तथा आर्थिक बेहतरी के लिए कौशल विकास आवश्यक है। दीनदयाल अंत्योदय योजना को आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय (एच.यू.पी.ए.) के तहत शुरू किया गया था।
2.भारत सरकार ने इस योजना के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
3.यह योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (एन.यू.एल.एम.) और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एन.आर.एल.एम.) का एकीकरण है।
4.राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (एन.यू.एल.एम.) को दीन दयाल अंत्योदय योजना - (डी.ए.वाई.-एन.यू.एल.एम.) और हिन्दी में राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन नाम दिया गया है। इस योजना के तहत शहरी क्षेत्रों के लिए दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय योजना के अंतर्गत सभी 4041 शहरों और कस्बों को कवर कर पूरे शहरी आबादी को लगभग कवर किया जाएगा। वर्तमान में, सभी शहरी गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों में केवल 790 कस्बों और शहरों को कवर किया गया है।
दीन दयाल अंत्योदय योजना तथा राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन का लक्ष्य
इस योजना का लक्ष्य शहरी गरीब परिवारों कि गरीबी और जोखिम को कम करने के लिए उन्हें लाभकारी स्वरोजगार और कुशल मजदूरी रोजगार के अवसर का उपयोग करने में सक्षम करना, जिसके परिणामस्वरूप मजबूत जमीनी स्तर के निर्माण से उनकी आजीविका में स्थायी आधार पर सराहनीय सुधार हो सके। इस योजना का लक्ष्य चरणबद्ध तरीके से शहरी बेघरों हेतु आवश्यक सेवाओं से लैस आश्रय प्रदान करना भी होगा। योजना शहरी सड़क विक्रेताओं की आजीविका संबंधी समस्याओं को देखते हुए उनकी उभरते बाजार के अवसरों तक पहुँच को सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त जगह, संस्थागत ऋण, और सामाजिक सुरक्षा और कौशल के साथ इसे सुविधाजनक बनाने से भी संबंधित है।
Nice post
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