Skip to main content

प्रतिहार (The Pratihara)

 

प्रतिहार राजवंश के महानतम शासक मि‍हिर भोज थे। उन्‍होंने 836 में कन्‍नौज (कान्‍यकुब्‍ज) की खोज की और लगभग एक शताब्‍दी तक प्रतिहारों की राजधानी बनाया। उन्‍होंने भोजपाल (वर्तमान भोपाल) शहर का निर्माण किया। राजा भोज और उनके अन्‍य सहवर्ती गुजर राजाओं को पश्चिम की ओर से अरब जनों के अनेक आक्रमणों का सामना करना पड़ा और पराजित होना पड़ा।

वर्ष 915 - 918 ए.डी. के बीच कन्‍नौज पर राष्‍ट्रकूट राजा ने आक्रमण किया। जिसने शहर को विरान बना दिया और प्रतिहार साम्राज्‍य की जड़ें कमजोर दी। वर्ष 1018 में कन्‍नौज ने राज्‍यपाल प्रतिहार का शासन देखा, जिसे गजनी के महमूद ने लूटा। पूरा साम्राज्‍य स्‍वतंत्रता राजपूत राज्‍यों में टूट गया।

.

The greatest ruler of the Pratihara dynasty was Mihir Bhoja. He recovered Kannauj (Kanyakubja) by 836, and it remained the capital of the Pratiharas for almost a century. He built the city Bhojpal (Bhopal). Raja Bhoja and other valiant Gujara kings faced and defeated many attacks of the Arabs from west.

Between 915-918 A.D, Kannauj was attacked by a Rashtrakuta king, who devastated the city leading to the weakening of the Pratihara Empire. In 1018, Kannauj then ruled by Rajyapala Pratihara was sacked by Mahmud of Ghazni. The empire broke into independent Rajput states.

Comments

Popular posts from this blog

जलियांवाला बाग नरसंहार (Jallianwala Bagh Massacre)

  जलियांवाला बाग नरसंहार - दिनांक 13 अप्रेल 1919 को जलियांवाला बाग में हुआ नरसंहार भारत में ब्रिटिश शासन का एक अति घृणित अमानवीय कार्य था। पंजाब के लोग बैसाखी के शुभ दिन जलियांवाला बाग, जो स्‍वर्ण मंदिर के पास है, ब्रिटिश शासन की दमनकारी नीतियों के खिलाफ अपना शांतिपूर्ण विरोध प्र‍दर्शित करने के लिए एकत्रित हुए। अचानक जनरल डायर अपने सशस्‍त्र पुलिस बल के साथ आया और निर्दोष निहत्‍थे लोगों पर अंधाधुंध गोलियां चलाई, तथा महिलाओं और बच्‍चों समेंत सैंकड़ों लोगों को मार दिया। इस बर्बर कार्य का बदला लेने के लिए बाद में ऊधम सिंह ने जलियांवाला बाग के कसाई जनरल डायर को मार डाला। प्रथम विश्‍व युद्ध (1914-1918) के बाद मोहनदास करमचन्‍द गांधी कांग्रेस के निर्विवाद नेता बने। इस संघर्ष के दौरान महात्‍मा गांधी ने अहिंसात्‍मक आंदोलन की नई तरकीब विकसित की, जिसे उसने "सत्‍याग्रह" कहा, जिसका ढीला-ढाला अनुवाद "नैतिक शासन" है। गांधी जो स्‍वयं एक श्रद्धावान हिंदु थे, सहिष्‍णुता, सभी धर्मों में भाई में भाईचारा, अहिंसा व सादा जीवन अपनाने के समर्थक थे। इसके साथ, जवाहरलाल नेहरू और सुभाषचन्‍द्र बो...

ईस्‍ट इन्डिया कम्‍पनी का अंत ( End of the East India Company )

  ईस्‍ट इन्डिया कम्‍पनी का अंत 1857 के विद्रोह की असफलता के परिणामस्‍वरूप, भारत में ईस्‍ट इन्डिया कंपनी के शासन का अंत भी दिखाई देने लगा तथा भारत के प्रति ब्रिटिश शासन की नीतियों में महत्‍वपूर्ण परिवर्तन हुए, जिसके अंतर्गत भारतीय राजाओं, सरदारों और जमींदारों को अपनी ओर मिलाकर ब्रिटिश शासन को सुदृढ़ करने के प्रयास किए गए। रानी विक्‍टोरिया के दिनांक 1 नवम्‍बर 1858 की घोषणा के अनुसार यह उद्घोषित किया गया कि इसके बाद भारत का शासन ब्रिटिश राजा के द्वारा व उनके वास्‍ते सेक्रेटरी आफ स्‍टेट द्वारा चलाया जाएगा। रानी विक्‍टोरिया: गवर्नर जनरल को वायसराय की पदवी दी गई, जिसका अर्थ था कि व‍ह राजा का प्रतिनिधि था। रानी विक्‍टोरिया जिसका अर्थ था कि वह सम्राज्ञी की पदवी धारण करें और इस प्रकार ब्रिटिश सरकार ने भारतीय राज्‍य के आंतरिक मामलों में दखल करने की असीमित शक्तियां धारण कर लीं। संक्षेप में भारतीय राज्‍य सहित भारत पर ब्रिटिश सर्वोच्‍चता सुदृढ़ रूप से स्‍थापित कर दी गई। अंग्रेजों ने वफादार राजाओं, जमींदारों और स्‍थानीय सरदारों को अपनी सहायता दी जबकि, शिक्षित लोगों व आम जन समूह (जनता) की अनदेखी ...

प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (PM Kisan Mandhan Yojana)

  इस योजना को किसान पेंशन योजना भी कहा जाता है | इस   किसान पेंशन योजना 2021  के अंतर्गत आवेदन करने वाले लाभार्थियों की आयु 18 से 40 वर्ष ही होनी चाहिए | केंद्र सरकार 2022 तक 5 करोड़ छोटे और सीमांत किसानो को इस योजना के अंतर्गत शामिल करेगी | इस  किसान मानधन योजना  का लाभ उन लाभार्थियों को भी दिया जायेगा जिसके पास 2 हेक्टेयर या इससे कम की कृषि योग्य भूमि होगी | इस योजना के तहत अगर लाभ प्राप्त करने वाले  लाभार्थी की किसी कारण वश मृत्यु हो जाती है तो लाभार्थी की पत्नी को प्रतिमाह 1500 रूपये दिए जायेगे | किसान पेंशन योजना  के अंतर्गत आवेदन करने वाले लाभार्थियों को हर महीने प्रीमियम भी देना होगा| 18 वर्ष की आयु वाले लाभार्थियों को हार महीने 55 रूपये के प्रीमियम का भुगतान करना होगा तथा 40 वर्ष की आयु वाले लाभार्थियों को 200 रूपये का प्रीमियम का भुगतान करना होगा | तभी वह इस योजना का लाभ 60 की आयु पूरी होने पर उठा सकते है |  प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना 2021  के तहत लाभार्थी का बैंक अकॉउंट होना चाहिए तथा बैंक अकॉउंट आधार कार्ड से लिंक होन...