Skip to main content

स्टैंंड अप इंडिया योजना (Stand Up India Yojna)


 भारत सरकार ने 5 अप्रैल 2016 को स्टैं ड अप इंडिया योजना की शुरूआत की थी। योजना ग्रीनफील्डन उद्यमों को स्थाूपित करने के लिए प्रत्येअक बैंक शाखा से कम से कम एक अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति उधारकर्ता और कम से कम एक महिला उधारकर्ता को 10 लाख रूपये से 1 करोड़ रूपये के बीच के बैंक ऋण को सुकर बनाती है। ये उद्यम विनिर्माण, सेवा या व्याकपार क्षेत्र में हो सकते हैं। योजना जिसे सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है, को कम से कम 2.5 लाख उधारकर्ताओं को लाभ पहुंचाना है। योजना परिचालन में है और अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के जरिए पूरे देश में ऋण प्रदान किए जा रहे हैं।

स्टैंड अप इंडिया योजना महिलाओं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति श्रेणी अर्थात् जनसंख्या का ऐसा वर्ग जिन्हेंा अपर्याप्त और देर से मिलने वाले ऋण के साथ-साथ सलाह/मेंटरशिप के अभाव के कारण अत्यनधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, के बीच उद्यमशीलता को प्रोत्सााहित करने का कार्य कर रही है। योजना ग्रीनफील्डन उद्यमों की शुरूआत करने के लिए जनसंख्याव के अल्प सेवित वर्गों तक पहुंच हेतु संस्थापगत ऋण संरचना में छूट का विचार रखती है। यह तत्पार एवं प्रशिक्षु दोनों प्रकार के उधारकर्ताओं की आवश्यूकताओं को पूरी करती है। संपार्श्विक मुक्तत कवरेज को आगे बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने स्टैंतड अप इंडिया के लिए क्रेडिट गारंटी निधि (सीजीएफएसआई) की स्थामपना की है। ऋण की सुविधा प्रदान करने के अलावा स्टैंड अप इंडिया योजना संभावित उधारकर्ताओं को हैंडहोल्डिंग सहायता के विस्ताअर को भी बढ़ावा दे रही है। यह केंद्र/राज्यओ सरकार की योजनाओं के साथ शामिल करने की भी व्यववस्थाब है। योजना के अंतर्गत आवेदन आनलाइन भी किए जा सकते हैं। स्टैंड अप इंडिया पोर्टल Stand Up Mitra के रूप में इंगित एक आनलाइन निगरानी रखने हेतु प्रणाली का प्रयोग किया जा रहा है। दिनांक 31.03.2019 की स्थिति के अनुसार स्वीगकृत 16,085 करोड़ रूपये 72,983 खातों (59,429-महिला, 3,103- अनुसूचित जनजाति और 10,451-अनुसूचित जाति) में संवितरित किए गए हैं।

Comments

Popular posts from this blog

जलियांवाला बाग नरसंहार (Jallianwala Bagh Massacre)

  जलियांवाला बाग नरसंहार - दिनांक 13 अप्रेल 1919 को जलियांवाला बाग में हुआ नरसंहार भारत में ब्रिटिश शासन का एक अति घृणित अमानवीय कार्य था। पंजाब के लोग बैसाखी के शुभ दिन जलियांवाला बाग, जो स्‍वर्ण मंदिर के पास है, ब्रिटिश शासन की दमनकारी नीतियों के खिलाफ अपना शांतिपूर्ण विरोध प्र‍दर्शित करने के लिए एकत्रित हुए। अचानक जनरल डायर अपने सशस्‍त्र पुलिस बल के साथ आया और निर्दोष निहत्‍थे लोगों पर अंधाधुंध गोलियां चलाई, तथा महिलाओं और बच्‍चों समेंत सैंकड़ों लोगों को मार दिया। इस बर्बर कार्य का बदला लेने के लिए बाद में ऊधम सिंह ने जलियांवाला बाग के कसाई जनरल डायर को मार डाला। प्रथम विश्‍व युद्ध (1914-1918) के बाद मोहनदास करमचन्‍द गांधी कांग्रेस के निर्विवाद नेता बने। इस संघर्ष के दौरान महात्‍मा गांधी ने अहिंसात्‍मक आंदोलन की नई तरकीब विकसित की, जिसे उसने "सत्‍याग्रह" कहा, जिसका ढीला-ढाला अनुवाद "नैतिक शासन" है। गांधी जो स्‍वयं एक श्रद्धावान हिंदु थे, सहिष्‍णुता, सभी धर्मों में भाई में भाईचारा, अहिंसा व सादा जीवन अपनाने के समर्थक थे। इसके साथ, जवाहरलाल नेहरू और सुभाषचन्‍द्र बो...

ईस्‍ट इन्डिया कम्‍पनी का अंत ( End of the East India Company )

  ईस्‍ट इन्डिया कम्‍पनी का अंत 1857 के विद्रोह की असफलता के परिणामस्‍वरूप, भारत में ईस्‍ट इन्डिया कंपनी के शासन का अंत भी दिखाई देने लगा तथा भारत के प्रति ब्रिटिश शासन की नीतियों में महत्‍वपूर्ण परिवर्तन हुए, जिसके अंतर्गत भारतीय राजाओं, सरदारों और जमींदारों को अपनी ओर मिलाकर ब्रिटिश शासन को सुदृढ़ करने के प्रयास किए गए। रानी विक्‍टोरिया के दिनांक 1 नवम्‍बर 1858 की घोषणा के अनुसार यह उद्घोषित किया गया कि इसके बाद भारत का शासन ब्रिटिश राजा के द्वारा व उनके वास्‍ते सेक्रेटरी आफ स्‍टेट द्वारा चलाया जाएगा। रानी विक्‍टोरिया: गवर्नर जनरल को वायसराय की पदवी दी गई, जिसका अर्थ था कि व‍ह राजा का प्रतिनिधि था। रानी विक्‍टोरिया जिसका अर्थ था कि वह सम्राज्ञी की पदवी धारण करें और इस प्रकार ब्रिटिश सरकार ने भारतीय राज्‍य के आंतरिक मामलों में दखल करने की असीमित शक्तियां धारण कर लीं। संक्षेप में भारतीय राज्‍य सहित भारत पर ब्रिटिश सर्वोच्‍चता सुदृढ़ रूप से स्‍थापित कर दी गई। अंग्रेजों ने वफादार राजाओं, जमींदारों और स्‍थानीय सरदारों को अपनी सहायता दी जबकि, शिक्षित लोगों व आम जन समूह (जनता) की अनदेखी ...

प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (PM Kisan Mandhan Yojana)

  इस योजना को किसान पेंशन योजना भी कहा जाता है | इस   किसान पेंशन योजना 2021  के अंतर्गत आवेदन करने वाले लाभार्थियों की आयु 18 से 40 वर्ष ही होनी चाहिए | केंद्र सरकार 2022 तक 5 करोड़ छोटे और सीमांत किसानो को इस योजना के अंतर्गत शामिल करेगी | इस  किसान मानधन योजना  का लाभ उन लाभार्थियों को भी दिया जायेगा जिसके पास 2 हेक्टेयर या इससे कम की कृषि योग्य भूमि होगी | इस योजना के तहत अगर लाभ प्राप्त करने वाले  लाभार्थी की किसी कारण वश मृत्यु हो जाती है तो लाभार्थी की पत्नी को प्रतिमाह 1500 रूपये दिए जायेगे | किसान पेंशन योजना  के अंतर्गत आवेदन करने वाले लाभार्थियों को हर महीने प्रीमियम भी देना होगा| 18 वर्ष की आयु वाले लाभार्थियों को हार महीने 55 रूपये के प्रीमियम का भुगतान करना होगा तथा 40 वर्ष की आयु वाले लाभार्थियों को 200 रूपये का प्रीमियम का भुगतान करना होगा | तभी वह इस योजना का लाभ 60 की आयु पूरी होने पर उठा सकते है |  प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना 2021  के तहत लाभार्थी का बैंक अकॉउंट होना चाहिए तथा बैंक अकॉउंट आधार कार्ड से लिंक होन...