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तुगलक राजवंश (The Tughlaq Dynasty)

 

तुगलक राजवंश 

गयासुद्दीन तुगलक, जो अला उद दीन खिलजी के कार्यकाल में पंजाब का राज्‍यपाल था, 1320 ए.डी. में सिंहासन पर बैठा और तुगलक राजवंश की स्‍थापना की। उसने वारंगल पर विजय पाई और बंगाल में बगावत की। मुहम्‍मद बिन तुगलक ने अपने पिता का स्‍थान लिया और अपने राज्‍य को भारत से आगे मध्‍य एशिया तक आगे बढ़ाया। मंगोल ने तुगलक के शासन काल में भारत पर आक्रमण किया और उन्‍हें भी इस बार हराया गया।

मुहम्‍मद बिन तुगलक ने अपनी राजधानी को दक्षिण में सबसे पहले दिल्‍ली से हटाकर देवगिरी में स्‍थापित किया। जबकि इसे दो वर्ष में वापस लाया गया। उसने एक बड़े साम्राज्‍य को विरासत में पाया था किन्‍तु वह कई प्रांतों को अपने नियंत्रण में नहीं रख सका, विशेष रूप से दक्षिण और बंगाल को। उसकी मौत 1351 ए.डी. में हुई और उसके चचेरे भाई फिरोज़ तुगलक ने उसका स्‍थान लिया।

फिरोज तुगलक ने साम्राज्‍य की सीमाएं आगे बढ़ाने में बहुत अधिक योगदान नहीं दिया, जो उसे विरासत में मिली थी। उसने अपनी शक्ति का अधिकांश भाग लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में लगाया। वर्ष 1338 ने उसकी मौत के बाद तुगलक राजवंश लगभग समाप्‍त हो गया। यद्यपि तुगलक शासन 1412 तक चलता रहा फिर भी 1398 में तैमूर द्वारा दिल्‍ली पर आक्रमण को तुगलक साम्राज्‍य का अंत कहा जा सकता है।


The Tughlaq Dynasty

Ghyasuddin Tughlaq, who was the Governor of Punjab during the reign of Ala-ud-din Khilji, ascended the throne in 1320 A.D. and founded the Tughlaq dynasty. He conquered Warrangal and put down a revolt in Bengal. Muhammad-Bin-Tughlaq succeeded his father and extended the kingdom beyond India, into Central Asia. Mongols invaded India during Tughlaq rule, and were defeated this time too.

Muhammad-Bin-Tughlaq first shifted his capital from Delhi to Devagiri in Deccan. However, it had to be shifted back within two years. He inherited a massive empire but lost many of its provinces, more particularly Deccan and Bengal. He died in 1351 A.D. and his cousin, Feroz Tughlaq succeeded him.

Feroz Tughlaq did not contribute much to expand the territories of the empire, which he inherited. He devoted much of his energy to the betterment of the people. After his death in 1388, the Tughlaq dynasty came virtually to an end. Although the Tughlaqs continued to reign till 1412, the invasion of Delhi by Timur in 1398 may be said to mark the end of the Tughlaq empire.


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